Voluntary Surrender of PM Kisan Benefits की प्रक्रिया

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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 2019 में की गई थी, यह योजना किसानों के हित के लिए शुरू की गई थी, तथा अब तक यह योजना चलाई जा रही है, इस योजना के तहत अब तक कुल 18 किस्तें जारी की जा चुकी है, और अब जल्द ही इस योजना की 19वीं किस्त जारी की जाएगी.

हाल ही में सरकार एक ऐसी सुविधा लेकर आई है, जिसके तहत लाभार्थी चाहें, तो इस योजना के तहत मिलने वाले लाभ को सरेंडर कर सकते हैं, ऐसा करके वे अन्य पात्र लोगों को इस योजना का लाभ देने में भूमिका निभा सकते हैं। इसके लिए PM किसान पोर्टल पर एक लिंक भी एक्टिवेट कर दिया गया है। इस लेख में मैं आपको Voluntary Surrender of PM Kisan Benefits के बारे में विस्तार से बताऊंगा।

Voluntary Surrender of PM Kisan Benefits की प्रक्रिया

  • सबसे पहले आप PM किसान की आधिकारिक वेबसाइट - https://pmkisan.gov.in/ पर विजिट करें।
  • इसके बाद होमपेज पर आप Farmer Corner सेक्शन में मौजूद Voluntary Surrender of PM Kisan Benefits के विकल्प पर क्लिक कर दें।
Voluntary Surrender of PM Kisan Benefits
  • अब आपके सामने एक नया पेज खुलेगा, यहां आप रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज करके GET OTP विकल्प पर क्लिक कर दें।
  • अब आप अपने मोबाइल नंबर पर आए हुए OTP को दर्ज करें।

इसके बाद आपके सामने एक विकल्प आएगा, जिसकी मदद से आप अपने PM Kisan के तहत मिलने वाले सभी फायदों को त्याग सकते हैं। ऐसा करने के बाद आपको PM किसान योजना के तहत मिलने वाली राशि रोक दी जाएगी, तथा आपका नाम लाभार्थी सूची से हटा दिया जाएगा।

Voluntary Surrender की आवश्यकता क्यों हो सकती है?

  • आयकर भुगतान करने वाले किसान: ऐसे किसान जो आयकर देते हैं, वे योजना के पात्र नहीं होते हैं। यदि किसी किसान ने गलती से इस योजना का लाभ प्राप्त किया है, तो वे इसे स्वेच्छा से त्याग सकते हैं।
  • गलत लाभार्थी: कुछ किसान जिन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलना चाहिए था, वे गलती से या गलत जानकारी देने के कारण लाभ प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे मामलों में वे लाभ को स्वेच्छा से त्याग सकते हैं।
  • अन्य योजनाओं से जुड़े लाभ: कुछ किसान अन्य सरकारी योजनाओं से पहले से जुड़े होते हैं, और वे स्वेच्छा से PM Kisan योजना के लाभों का त्याग करना चाहते हैं।

महत्वपूर्ण बातें

  • एक बार जब आपने लाभ स्वेच्छा से त्याग दिए, तो आपको योजना के तहत कोई और किश्त प्राप्त नहीं होगी।
  • यह प्रक्रिया उन किसानों के लिए है, जो स्वेच्छा से महसूस करते हैं कि वे इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं या वे इसे आगे नहीं चाहते।
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यदि कोई किसान जो अपात्र है, फिर भी लाभ प्राप्त करता रहता है और स्वेच्छा से इसे वापस नहीं करता, तो सरकार उसकी पहचान कर सकती है और उस पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। साथ ही, प्राप्त की गई राशि को ब्याज सहित वापस करना पड़ सकता है।